ज़िन्दगी और आरजू

बार आरज़ू ने ज़िन्दगी से पूछा कि मैं कब पूरी होउंगी?
ज़िन्दगी ने जवाब दिया- 'कभी नहीं'।

आरज़ू ने घबरा कर फ़िर पूछा- 'क्यूँ?'

तो ज़िन्दगी ने जवाब दिया 'अगर तू ही पूरी हो गई तो इंसान जीएगा कैसे?!'

ये सुन कर आरज़ू बहुत मायूस हो गई

और

अपने आँचल के अन्दर सुबक सुबक कर रोने लगी।

1 टिप्पणियाँ:

Saleem Khan ने कहा…

जीवन की ये अभिलाषा
कभी न पूरी होने वाली आशा,
सागर, नदिया जीवन सारा
प्यास न बुझने की ये निराशा |

जीवन की ये अभिलाषा
पूरी करने को अनवरत दौड़ रहा,
ख़त्म हो गया जीवन सारा
कुछ न पाने की ये निराशा |


जीवन की ये अभिलाषा
कभी न पूरी होने वाली आशा,
न रहती अधूरी, गर हो जाती पूरी
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