हसीनों की ख़ासियत... Saleem Khan


किसी के दिल को आबाद करके
फिर उसे तोड़ कर बर्बाद करना

किसी के बेजान दिल में जान भर कर 
फिर उसे बेईम्तहा बेजान कर देना

किसी तन्हा को पास बुला कर
फिर उसे तन्हा होने की सज़ा देना

किसी की आँखों को ख़्वाब दिखा कर
फिर अश्क के मझधार में छोड़ देना

किसी की रातों को उजाले में तब्दील करके
फिर उसे उम्र भर अँधेरे में धकेल देना

हसीनों की ख़ासियत बन गयी है.

2 टिप्पणियाँ:

kshama ने कहा…

किसी की रातों को उजाले में तब्दील करके
फिर उसे उम्र भर अँधेरे में धकेल देना
Kya ye khasiyat sirf haseenon kee hai??Ladke bhee yahee karte hain!
Khair! Rachana bahut pyaree hai!

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

Kshama ji se sahmat.

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