हमें भी आरज़ू थी तेरे संग ज़िन्दगी बिताने की
पर 'आरज़ू', साथ तेरा हमने पाया भी तो नहीं
पर 'आरज़ू', साथ तेरा हमने पाया भी तो नहीं
माना कि ज़िन्दगी में बहुत बहाने हैं, आंसू बहाने के लिए
पर तुने जैसे रुलाया है, पहले किसी ने रुलाया भी तो नहीं
ऐसा नहीं कि तेरे आने से पहले, हम कभी मुस्कुराये न थे
पर तेरे जाने के बाद वैसे किसी ने हंसाया भी तो नहीं
पर तेरे जाने के बाद वैसे किसी ने हंसाया भी तो नहीं
भटकते रहे इस दुनिया में हमसफ़र की तलाश में
पर तुझ जैसा हमसफ़र फिर दोबारा मिला भी तो नहीं
पर तुझ जैसा हमसफ़र फिर दोबारा मिला भी तो नहीं
तेरी यादों की शहादत* मेरे अश्क देते हैं 'ए आरज़ू'
तेरे सिवा कोई और इन अश्कों के क़ाबिल भी तो नहीं
तेरे सिवा कोई और इन अश्कों के क़ाबिल भी तो नहीं
*गवाही
5 टिप्पणियाँ:
भटकते रहे इस दुनिया में हमसफ़र की तलाश में
पर तुझ जैसा हमसफ़र फिर दोबारा मिला भी तो नहीं
waah.........bahut hi badhiya likh rahe hain .....badhayi.
ऐसा नहीं कि तेरे आने से पहले, हम कभी मुस्कुराये न थे
पर तेरे जाने के बाद वैसे किसी ने हंसाया भी तो नहीं
बहुत बढिया!!
@वंदना जी, शुक्रिया. आते रहिएगा
@ परमजीत बाली Thanks for yur valuable comment.
माना कि ज़िन्दगी में बहुत बहाने हैं, आंसू बहाने के लिए
पर तुने जैसे रुलाया है, पहले किसी ने रुलाया भी तो नहीं
ऐसा नहीं कि तेरे आने से पहले, हम कभी मुस्कुराये न थे
पर तेरे जाने के बाद वैसे किसी ने हंसाया भी तो नहीं
bahoot acha hai ,,,,,,,
bahoot acha hai ,,,,,,,
एक टिप्पणी भेजें