हल्की-फ़ुल्की सी तक़रार करो



जब किसी से कभी भी प्यार करो
अपने दिल का तो इज़हार करो
जब किसी से कभी भी....

वक़्त रहता नहीं कभी यकसाँ 
मौक़ा मिलते उनका दीदार करो
जब किसी से कभी भी....

लौट आएगा पुराना वो शमाँ
दिल से ऐसी कुछ पुकार करो
जब किसी से कभी भी....

छुप गया है बादलों में कोई
ऐसे तारे का बस इन्तिज़ार करो
जब किसी से कभी भी....

जब कभी भी किसी से प्यार करो
हल्की-फ़ुल्की सी तक़रार करो
जब किसी से कभी भी....

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