मेरे नज़दीक न आओ, मैं इक आशिक़ हूँ
मुझे तमीज़ सिखाओ, मैं इक आशिक़ हूँ
सबकी नज़रों से तो अब मैं गिर चुका हूँ
नज़र से तुम भी गिराओ, मैं इक आशिक़ हूँ
लैला-मजनूं ने क्या पाया मुहब्बत करके
मोहब्बत करना है गुनाह, मैं इक आशिक़ हूँ
इल्तिज़ा है मोहब्बत के दुश्मनों से मेरी
रंज दम भर निभाओ, मैं इक आशिक़ हूँ
रंज दम भर निभाओ, मैं इक आशिक़ हूँ
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