ज़िन्दगी क्या है ये जानने के लिए; मैंने बारहां मौत को गले लगाया क्यूँ हैं?


कभी वो अपना था अब पराया क्यूँ है?
सन्नाटा भीड़ में इतना समाया क्यूँ है?

साथ जियेंगे साथ मरेंगे की क़समें खाकर  
बाद मरने के फ़िर वो मेहंदी लगाया क्यूँ है?

क्या मिलूं मैं अब उनसे ऐ दिल तू ही बता
मोहब्बत करके चोट दिल पे लगाया क्यूँ है?

ज़िन्दगी क्या है ये जानने के लिए "सलीम"
मैंने बारहां मौत को गले लगाया क्यूँ हैं?

6 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

very nice creation

बेनामी ने कहा…

ज़िन्दगी क्या है ये जानने के लिए "सलीम"
मैंने बारहां मौत को गले लगाया क्यूँ हैं?

wow

KHURSHEED ने कहा…

ati-sundar

कभी वो अपना था अब पराया क्यूँ है?
सन्नाटा भीड़ में इतना समाया क्यूँ है?

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

SALEEM BHAI AAP WAQAI HARFAN MAULA HO.

साथ जियेंगे साथ मरेंगे की क़समें खाकर
बाद मरने के फ़िर वो मेहंदी लगाया क्यूँ है?

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

क्या मिलूं मैं अब उनसे ऐ दिल तू ही बता
मोहब्बत करके चोट दिल पे लगाया क्यूँ है?

vandana gupta ने कहा…

साथ जियेंगे साथ मरेंगे की क़समें खाकर
बाद मरने के फ़िर वो मेहंदी लगाया क्यूँ है?

इसके बाद कहने को बचा क्या है………बडा दर्द भरा है।

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