तमन्ना जीने की फ़िर से जाग उठी मेरे दिल में
यूँ मरने की हसरत फ़िर से जाग उठी मेरे दिल में
उमंग उड़ने की फ़िर से जाग उठी मेरे दिल में
तरंग मचलने की फ़िर से जाग उठी मेरे दिल में
धड़कन उसी तरह उछल उठी बल्लियों ऊपर
थी जैसे बरसों पहले वो मचल उठी मेरे दिल में
खुश हुआ मैं एक अच्छे मुस्तक़बिल की आस में
है फ़िर क्यूँ वो एक लहर-सी उठी मेरे दिल में?
प्यार पाने के लिए मैंने क्या-क्या न किया 'सलीम'
आरज़ूयें किश्तों में फ़िर से जाग उठी मेरे दिल में
प्यार पाने के लिए मैंने क्या-क्या न किया 'सलीम'
आरज़ूयें किश्तों में फ़िर से जाग उठी मेरे दिल में
2 टिप्पणियाँ:
वाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
प्यार पाने के लिए मैंने क्या-क्या न किया 'सलीम'
आरज़ूयें किश्तों में फ़िर से जाग उठी मेरे दिल में
Bahut sundar!
Ek geet yaad aa gaya..." Aaj phir jeene kee tamanna hai, Aaj phir marne kaa irada hai"....Film thee Guide!
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