ऐसा करो कि अब मुझे एक और भगवान् दो !

परस्तिश की धुन कुछ इस तरह होने लगी है
ऐसा करो कि अब मुझे एक और भगवान् दो

मोहब्बत के बंधन से अब उकता चुका हूँ मैं
इन बंदिशों अब मुझे थोडा सा आराम दो

किराये की ज़िन्दगी है,किश्तों में जी रहा हूँ
जी लूं अपने लिए अब मुझे ये एहसान दो

ग़म की स्याह साजिश में गिरफ़्तार हो चुका हूँ
ऐसा करो कि अब मुझे थोड़ी सी मुस्कान दो

बादल के बनते-बिगड़ते चेहरे सी ज़िन्दगी मेरी
हो जिसमें मेरा अक्स अब मुझे ऐसी पहचान दो

12 टिप्पणियाँ:

bahut baddhiya hai...

kshama ने कहा…

बादल के बनते-बिगड़ते चेहरे सी ज़िन्दगी मेरी
हो जिसमें मेरा अक्स मुझे कुछ ऐसी पहचान दो
Bahut hee sundar alfaaz!

vandana gupta ने कहा…

परस्तिश की धुन कुछ इस तरह होने लगी है
ऐसा करो कि अब मुझे एक और भगवान् दो

वाह! गज़ब के अल्फ़ाज़ हैं।

मोहब्बत के बंधन से अब उकता चुका हूँ मैं
इन बंदिशों अब मुझे थोडा सा आराम दो

सही कह रहे हैं वक्त ऐसा भी आता है कभी कभी…………मोहब्बत भी बर्दाश्त नही होती


किराये की ज़िन्दगी है,किश्तों में जी रहा हूँ
जी लूं अपने लिए अब मुझे ये एहसान दो

यही ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा है…………अपने लिये कब वक्त मिलता है

बहुत ही जोरदार गज़ल्।

Saleem Khan ने कहा…

@vandana jee aapka shukriya, bahut bahut shukiya !

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

सलीम भाई आप यक़ीनन एक ब्लॉग-लिजेंड हैं. आप को मैं एक तरफ स्वच्छ सन्देश पर देखता हूँ तो हमारी अनजुमन जैसे नायब ब्लॉग का इजाद आपने किया जो दुनिया में पहला और सिर्फ अभी तक एक ही है. वहीँ लखनऊ ब्लोगर्स एसोशियेशन पर आपका योगदान अतुलनीय है जिससे परेशान होकर दिल्ली और मुंबई और न जाने कहाँ कहाँ एसोशियेशन की आवाज़ उठने लगी.

और इस ब्लॉग का तो कहना ही क्या?

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

परस्तिश की धुन कुछ इस तरह होने लगी है
ऐसा करो कि अब मुझे एक और भगवान् दो

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

मोहब्बत के बंधन से अब उकता चुका हूँ मैं
इन बंदिशों अब मुझे थोडा सा आराम दो

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

किराये की ज़िन्दगी है,किश्तों में जी रहा हूँ
जी लूं अपने लिए अब मुझे ये एहसान दो

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

ग़म की स्याह साजिश में गिरफ़्तार हो चुका हूँ
ऐसा करो कि अब मुझे थोड़ी सी मुस्कान दो

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

बादल के बनते-बिगड़ते चेहरे सी ज़िन्दगी मेरी
हो जिसमें मेरा अक्स अब मुझे ऐसी पहचान दो

Saleem Khan ने कहा…

@Ejaz bhai pliz aap ek saath kai comment na kiya karen....

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…
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